प्यारे भाइयों और बहनों, 78वें स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आज का दिन त्यागी एवं तपस्वी स्वतंत्रता सेनानियों के पवित्र स्मरण का दिन है। हम उन महान देशभक्तों एवं क्रांतिकारियों को नमन करते हैं जिन्होंने जान की बाजी लगाकर स्वतंत्र भारत के सपने को साकार किया तथा सभी भारतीयों को खुली हवा में सांस लेने का अवसर प्रदान किया। आज हम उन महापुरुषों का भी स्मरण करते हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, त्याग और समर्पण से आजाद भारत के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
2. मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस, आर्मी तथा पैरामिलिट्री फोर्सेज के उन वीर जवानों को भी नमन करता हूँ जिन्होंने अपने लहू से जम्मू-कश्मीर की प्रगति को सींचने का काम किया है। उन वीरों का एक ही सपना था। जम्मू-कश्मीर हजारों वर्ष की ऐतिहासिक विरासत को समेटे स्वराज के संकल्प के साथ आगे बढ़े तथा हर नागरिक को सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीवन जीने का अवसर मिले।
3. जम्मू-कश्मीर की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर सपूतों की स्मृति में श्रीनगर में बलिदान स्तम्भ का निर्माण किया गया है। हर एक नागरिक के लिए यह स्मारक एक पवित्र तीर्थ-स्थल है और हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का केंद्र है। यह स्मारक नई पीढ़ी को शहीदों की देशभक्ति और कुर्बानी के आदर्शों एवं मूल्यों पर विचार करने के लिए सदैव प्रेरित करता रहेगा।
सरहद पर का एक सिपाही सौ से लड़ने वाला है,
घाव भरा तन लेकर भी वह दुश्मन का परकाला है,
मरते-मरते अपने संगी-साथी से कह जाता है,
देखें दुश्मन के जुल्मों का बदला कौन चुकाता है,
माँ से कहना, उसके आँसू व्यर्थ न जाने पाएंगे,
गोली में परिवर्तित कर हम दुश्मन पर बरसाएंगे।
4. पिछले पाँच वर्षों में जो कार्य किए गए है, उससे आम आदमी की लोकतंत्र में आस्था मजबूत हुई है। हाल ही में सम्पन्न हुए लोक सभा के चुनाव इसका जीता-जागता प्रमाण हैं। पिछले 35 वर्षों में किसी भी आम चुनाव में सबसे अधिक 58.46% मतदान के साथ लोकतंत्र को गले लगाते हुए नागरिकों ने शासन में अपनी हिस्सेदारी का दावा किया है। सिर्फ कश्मीर घाटी के आँकड़े को देखा जाए तो जहाँ 2019 के लोकसभा चुनावों में मात्र 19.16% मतदान हुआ था वहीं 2024 में 50.86% मतदान दर्ज किया गया है।
5. आज मैं जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिकों का आह्वाहन करना चाहता हूँ। पिछले पाँच वर्षों में लोकतंत्र की जड़ें गहरी हुई हैं। अब हमारा सामूहिक संकल्प होना चाहिए कि लोकतंत्र के आदर्श हमारी चेतना का अहम हिस्सा बनें। संविधान में निहित मूल्य हमारा सहज स्वभाव बनें। पकुन छुम म्ये जमहूरक्यन मशवरन प्यठ, म्ये दुनिया छु मिलचार किन्य कुन बनावुन- हमें लोकतंत्र के पथ पर चलना है और सारे संसार को विश्वमैत्री से एक बनाना है।
6. प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ ज्ञान, अध्यात्म और सर्व पंथ समभाव की बह रही अनवरत धारा ने जम्मू-कश्मीर को धरती का स्वर्ग बनाया है। विविधता में एकता को समेटे जम्मू-कश्मीर अपनी संभावनाओं को प्राप्त करे, यह हमारा संकल्प होना चाहिए। हमारे मन के संकल्प सफल हों- आकूति सत्या मनसों में अस्तु- यही हमारी प्रार्थना होनी चाहिए।
7. पिछले कुछ वर्षों में हिंसा में उल्लेखनीय कमी आई है। सभी तंजीमों के बड़े आतंकियों का खात्मा कर दिया गया है। बंद, हड़ताल और स्टोन-पेल्टिंग अब इतिहास की बातें हो चुकी हैं। विकास की नई धारा, चुनावों में बढ़-चढ़कर मतदान और लोकल रिक्रूटमेंट की लगभग समाप्ति से आतंकवाद का सबसे बड़ा सरगना हमारा पड़ोसी मुल्क बौखलाया हुआ है। इसलिए दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहा पड़ोसी देश अब विदेशी आतंकवादियों को भेजकर जम्मू संभाग में अशान्ति फैलाना चाहता है। उन आतंकवादियों ने कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को अंजाम दिया है। हमने बहादुर ऑफिसर्स, जवान तथा नागरिक खोए हैं। हमारी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं। मैं उनकी शहादत को नमन करता हूँ। हमने सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दे दी है और मैं जम्मू-कश्मीर तथा देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि ऐसी घटनाओं पर शीघ्र ही पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा। जम्मू के लोगों ने पहले भी आतंकवाद का बढ़-चढ़कर मुकाबला किया है। इस बार भी वह इसे समाप्त करने में मदद करेंगे।
8. इस वर्ष जम्मू-कश्मीर पुलिस के पाँच ऑफिसर्स को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। कल यानि 14 अगस्त को 31 वीरता पदक, सराहनीय सेवा के लिए 17 पदक तथा विशिष्ट सेवा के लिए 2 राष्ट्रपति पदक जम्मू-कश्मीर पुलिस को प्राप्त हुए हैं। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूँ। मातृभूमि की सेवा में इस पुलिस फोर्स ने कर्तव्यनिष्ठा के उच्चतम मानदंड हासिल किए हैं। लेकिन चुनौतियाँ अभी समाप्त नहीं हुई हैं। आज भी नार्को-टेररिज्म की बड़ी चुनौती हमारे सामने है। प्रशासन ने नार्को-टेरर के खिलाफ जीरो टॉलरेन्स नीति अपनाई है। होल ऑफ गवर्नमेंट अप्रोच के साथ इस नेटवर्क पर करारा प्रहार किया जा रहा है और नशा-मुक्त जम्मू-कश्मीर के संकल्प को साकार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
9. प्यारे भाइयों और बहनों, चार वर्ष पूर्व आज ही के दिन आपके सामने खड़े होकर मैंने जम्मू-कश्मीर के नव-निर्माण का संकल्प लिया था। मैंने आपसे कहा था कि प्रशासन एक ऐसा जम्मू-कश्मीर बनाना चाहता है जहां समता हो, अवसरों की समानता हो, सामाजिक न्याय हो, हर एक नागरिक अधिकार सम्पन्न हो तथा अवाम में अमन और खुशहाली हो। इन संकल्पों को साकार करने की पूरी ईमानदारी से कोशिश की गई है। पिछले चार वर्षों में भय-मुक्त, भ्रष्टाचार-मुक्त तथा रोजगार-युक्त जम्मू-कश्मीर के लक्ष्य के साथ संघ राज्य क्षेत्र के सम्पूर्ण रूपांतरण के लिए पाँच बड़े संकल्पों को साकार करने का प्रयास किया गया है। सुराज- गुड गवर्नेंस की स्थापना करने के अनेक प्रयत्न किए गए हैं। पारदर्शी-ट्रांसपेरेंट शासन व्यवस्था लागू की जा रही है। स्किल्ड जम्मू-कश्मीर का निर्माण किया जा रहा है। आत्म-निर्भर जम्मू-कश्मीर की ओर प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया गया है। बुनियादी सुविधाओं और आम नागरिकों की आकांक्षाओं के बीच अंतर को समाप्त करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं।
10. इस धरती पर सात दशक से चल रहे भेदभाव के कलंक को धोने का काम किया गया है। अब प्रत्येक नागरिक प्रशासन की नीतियों, नीयत और निर्णय के केंद्र में है। काल का चक्र तेजी से घूमा है। पश्चिमी पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के विस्थापितों के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश हुई थी। लेकिन संकल्प-शक्ति द्वारा ऐसे विस्थापित परिवार जिन्हें अभी तक उनके हक से वंचित रखा गया था उन्हें भूमि-स्वामी बनाने के लिए जमीन का मालिकाना हक अब पूरी तरह दे दिया गया है। गैर मुमकिन खड के नाम से जो भेदभाव जम्मू के लोगों के साथ होता था उसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है और ऐसी भूमि को सीमांकित करने के लिए संशोधित नीति को मंजूरी दी गई है।
11. किसान, गांव, युवा, नारी शक्ति, वंचित वर्ग, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क, आवास, इंडस्ट्रीज, टूरिज़्म, अर्बन ट्रांसफार्मेशन, समाज कल्याण और कामगारों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों को सफलता मिली है और दशकों से असंतुलित विकास झेल रहे क्षेत्रों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया गया है।
12. फिस्कल मैनेजमेंट में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं और 77 वर्षों में पहली बार, जम्मू-कश्मीर ने आरबीआई (RBI) द्वारा बनाए गए आकस्मिक निधि में योगदान दिया है। अर्थव्यवस्था में नित नए कीर्तिमान बन रहे हैं। जीडीपी दुगुनी हो गई है। 2017 में जहां जम्मू-कश्मीर की जीडीपी मात्र 1.17 लाख करोड़ रुपये थी वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह दुगुने से भी ज्यादा यानि 2.45 लाख करोड़ करोड़ रुपये पहुँच गई। 2024-25 में जीडीपी 2.63 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाएगी।
13. मात्र चार वर्षों में जम्मू-कश्मीर बैंक का पूरी तरह से कायाकल्प किया गया है। 2019-20 में जम्मू-कश्मीर बैंक 1139 करोड़ रुपये के घाटे में था वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में बैंक ने 1700 करोड़ रुपये का रिकार्ड मुनाफा दर्ज किया है। पहले बैंक का NPA 11% था। आज यह 5% पर पहुँच गया है।
14. पिछले पाँच वर्षों में कैपिटल एक्सपेंडिचर को दुगुना किया गया है जिससे प्रोजेक्ट्स पूरा करने में नई गति आई है। 2019-20 से लेकर 2023-24 के बीच प्रोजेक्ट्स पूरा करने की रफ्तार दस गुना बढ़ी है और अब तक 2.52 लाख से अधिक प्रोजेक्ट्स हम पूरा कर सके हैं। मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा माननीय वित्त मंत्री जी का आभारी हूँ जिन्होंने विकास की गति को बनाए रखने के लिए इस वित्त वर्ष में जम्मू-कश्मीर को 17,000 करोड़ रुपये का स्पेशल फंड प्रदान किया है। 2023-24 के दौरान, जम्मू-कश्मीर ने अपने वित्तीय अनुशासन में सुधार किया और हुंडी और ओवरड्राफ्ट जुटाने की संस्कृति पर अंकुश लगाया।
15. 5013 करोड़ रुपये के होलिस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम और 1,800 करोड़ रुपये के JKCIP परियोजना को लागू करने से 13 लाख किसान परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। एग्रीकल्चर-उद्यमिता, प्रोडक्शन और रोजगार सृजन के अलावा इन योजनाओं के द्वारा जीडीपी में एग्रीकल्चर सेक्टर का योगदान दुगुना हो जाएगा।
16. ग्लोबल मार्केट लिन्केज के लिए एग्रीकल्चर एवं हार्टिकल्चर उत्पादों की जीआई टैगिंग की जा रही है। हाल में 500 किसान खिदमत घर शुरू किए गए हैं और इस वित्तीय वर्ष में कुल 2000 किसान खिदमत घर आपरेशनल हो जाएंगे।
17. महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना द्वारा 4.69 लाख महिलाओं को इंटीग्रेटेड फ़ार्मिंग तथा लाइवस्टॉक मैनेजमेंट से जोड़ा गया है। महिला किसानों ने सवा दो लाख एग्री न्यूट्रीशन गार्डन स्थापित किए हैं। मैकेनिकल सपोर्ट के लिए 287 मिनी कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं। 40 इंटीग्रेटेड फ़ार्मिंग क्लस्टर्स, 12 महिला फार्मर-प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन विकसित करने में हम सफल रहे हैं।
जिंदगी का कारवां है, चल रहा, चलता रहेगा
साँझ के पश्चात नभ में खिल उठेंगे चाँद-तारे,
आज आश्रयहीन है तो कल मिलेंगे सौ सहारे,
क्योंकि सबके विश्व में दिन एक-से रहते नहीं हैं,
राख बनकर धूल में मिल जाएंगे अंगार सारे,
विश्व है परिवर्तनों का नाम, परिवर्तन नियम है,
यह अटल विश्वास मन में पल रहा, पलता रहेगा,
जिंदगी का कारवां है, चल रहा, चलता रहेगा,
जिंदगी का कारवां है, चल रहा, चलता रहेगा।
18. प्यारे भाइयों और बहनों, जम्मू-कश्मीर आज उभरते हुए औद्योगिक क्रांति का साक्षी बन रहा है। अब तक 1.26 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 6600 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट के साथ इंडस्ट्रियल यूनिट्स ने प्रोडक्शन प्रारंभ किया है। 18,185 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट जमीन पर उतर गया है और लगभग 10,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट इस वित्त वर्ष में आपरेशनल हो जाएगा। न्यू इंडस्ट्रियल स्कीम इस वर्ष सितंबर में समाप्त हो रही है लेकिन मैं भारत सरकार के साथ बातचीत के आधार पर सभी उद्यमों एवं उद्यमियों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि इस स्कीम में न्यूनतम एक वर्ष की वृद्धि अवश्य की जाएगी।
19. 46 नए इंडस्ट्रियल विकसित किए जा रहे हैं। नई जम्मू-कश्मीर स्टार्ट-अप पॉलिसी लॉन्च की गई है। DPIIT के साथ कुल 825 स्टार्टअप्स रजिस्टर किए गए हैं। 296 स्टार्टअप्स महिलाएं लीड कर रही हैं। JKEDI के साथ रजिस्टर्ड स्टार्टअप्स की संख्या 1600 हो गई है। PMEGP के तहत 15,000 से ज्यादा यूनिट्स स्थापित करके जम्मू-कश्मीर ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। जीआई टैग, QR Code जैसे इंटरवेंशन के द्वारा हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट सेक्टर का एक्सपोर्ट दुगुना करने में हम सफल रहे हैं। इस सेक्टर में 5682 कोआपरेटिव सोसाइटीज स्थापित की गई हैं। 10 क्राफ्ट्स की जीआई टैगिंग की गई है तथा 12 क्राफ्ट्स के जीआई टैगिंग की प्रक्रिया पाइपलाइन में है।
20. नारी शक्ति को आत्म-निर्भर बनाने के लिए 90,000 से ज्यादा सेल्फ-हेल्प ग्रुप्स स्थापित किए गए हैं जिससे 7.39 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। 6976 विलेज आर्गनाइजेशन तथा 574 विलेज क्लस्टर लेवल फेडरेशन की स्थापना की गई है। हौसला, तेजस्विनी जैसे कार्यक्रमों ने हजारों महिला उद्यमियों के सपनों को साकार किया है। लखपति दीदी योजना के तहत डेढ़ लाख से अधिक सेल्फ-हेल्प ग्रुप हाउसहोल्ड्स की पहचान भी हम कर चुके हैं।
21. सहकार से समृद्धि के संकल्प को साकार करते हुए 3714 कोआपरेटिव सोसाइटीज फंक्शनल की गई हैं। 123 पैक्स प्रारंभ कर दिए गए हैं। 250 कोआपरेटिव सोसाइटीज ने डेयरी, पॉल्ट्री, हाउसिंग, हेल्थ, एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में काम करना शुरू किया है।
22. जम्मू-कश्मीर देश का सबसे युवा संघ राज्य क्षेत्र है। प्रशासन ने युवा शक्ति के सपनों को साकार करने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है। पिछले चार वर्षों में लगभग 8 लाख नौजवानों को उद्यमिता तथा रोजगार के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। मेरिट के आधार पर 42,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। 10,477 अन्य रिक्त सरकारी पदों को रिक्रूटमेंट एजेंसीज को रेफेर किया गया हैं, जिसकी भर्ती हम शीघ्र ही पूरा करेंगे। कई दशकों से लंबित 1100 अनुकंपा नियुक्तियाँ की गई है जिससे आश्रित परिवारों को बहुत बड़ा सहारा मिला है। मिशन यूथ की योजनाओं ने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में केंद्र तथा यूटी प्रशासन की योजनाओ के सामंजस्य द्वारा 8 लाख से अधिक स्वरोजगार के अवसर हम पैदा करना चाहते हैं।
23. पीएम विश्वकर्मा योजना में जम्मू-कश्मीर रजिस्ट्रेशन के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान तथा स्किल असेसमेंट एवं बेसिक ट्रेनिंग में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। अब तक कुल मिलाकर 1 लाख 27 हजार से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों के आवेदन स्वीकृत किए गए हैं।
24. युवा शक्ति की स्किलिंग, रि-स्किलिंग एवं अप-स्किलिंग के लिए सभी आईटीआई संस्थानों को मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित करने का काम हो रहा है। पॉलीटेक्निक भी इस काम में युवाओं की मदद करेंगे। केन्द्रीय बजट 2024-25 के अंतर्गत आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने स्किल डेवलपमेंट को प्राथमिकता दी है और प्रधानमंत्री पैकेज के तहत एक नई केन्द्र प्रायोजित योजना की घोषणा हुई है। इस योजना द्वारा जम्मू-कश्मीर में स्किल डेवलपमेंट तथा रोजगार सृजन को काफी बढ़ावा मिलेगा।
25. प्यारे भाइयों और बहनों, सभी क्षेत्रों के सुनियोजित विकास के लिए ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ पर बल दिया गया है। 2,140 गांव ऐसे थे जहां सड़क नहीं पहुंची थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2,130 गांवों तक सड़क का निर्माण कर दिया गया है। शेष 10 गांव भी इस वर्ष पक्की सड़क से जुड़ जाएंगे।
26. पीएमडीपी के तहत 35 प्रोजेक्ट्स पूरे कर लिए गए हैं। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये की रोड तथा टनल परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के अलावा 58,493 लाख के 4 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट, जम्मू तथा श्रीनगर में 2 रिंग रोड तथा 21 टनल निर्मित किए जा रहे हैं। रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाया जा रहा है। 2019 की तुलना में एयर-ट्रैफिक दुगुना हो गया है। बारामुला-बनिहाल के बीच चल रही रेल सर्विसेस को संगलदान तक पहुंचाने में हमें कामयाबी मिली है। कश्मीर से सीधे कन्याकुमारी की रेल यात्रा का सपना इस वर्ष के अंत तक साकार हो जाएगा।
27. डिजिटल कनेक्टिविटी की ताकत का उपयोग करने के लिए प्रशासन निरंतर प्रयत्नशील है। 2019 के पहले जहां बहुत कम आनलाइन सर्विसेस उपलब्ध थी वहीं आज नागरिकों को 1140 सर्विसेस उपलब्ध कराई जा रही हैं। 475 सर्विसेस को फीडबैक सिस्टम से जोड़ा गया है। पब्लिक सर्विसेस की 87% अप्रूवल रेटिंग आम आदमी के भरोसे का प्रतीक है। डिस्ट्रिक्ट लेवल तक 480 ऑफिसेस को ई-ऑफिस से जोड़ा गया। फाइल डिस्पोजल रेट 97% है। जेके समाधान पोर्टल एवं समाधान एप द्वारा आम आदमी की शिकायतों का त्वरित निवारण करने में हमें बड़ी भारी मदद मिलेगी।
28. ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में ट्रांसमिशन- डिस्ट्रीब्यूशन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। इलेक्ट्रीसिटी जनरेशन के मामले में मात्र पाँच वर्षों के भीतर हम सात दशकों की उपलब्धियों की बराबरी करने का प्रयत्न कर रहे हैं। पकलदुल, रतले, क्वार तथा किरु परियोजनाओं को 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। 2019 की तुलना में ट्रांसमिशन सेक्टर में 42% तथा डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर में 30% क्षमता की वृद्धि की गई है। चंद लोगों द्वारा अफवाह फैलाई गई थी कि पावर टैरिफ में बढ़ोतरी की गई है। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि पिछले वर्ष या इस वित्त वर्ष में पावर टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं की गई है बल्कि जम्मू-कश्मीर देश में सबसे कम पावर टैरिफ वाले राज्यों एवं यूटीज में से एक है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। डोमेस्टिक कंज़्यूमर्स के लिए चलाई जा रही एमनेस्टी स्कीम की सुविधा अब कमर्शियल कंज़्यूमर्स को भी प्रदान की जाएगी। एक बड़ी आबादी को इससे राहत मिलेगी।
29. आजादी के सात दशक पश्चात नॉर्थ कश्मीर के गुरेज वैली को पहली बार इलेक्ट्रीसिटी ग्रिड से जोड़ा गया है। श्री अमरनाथ जी श्राइन को पहली बार ग्रिड कनेक्टेड पावर उपलब्ध कराया गया है। क्वालिटी पावर उपलब्ध कराने के लिए RDSS के तहत स्मार्ट मीटरिंग अभियान शुरू किया गया है। अब तक 6 लाख स्मार्ट मीटर इंस्टाल किए जा चुके हैं जिससे ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में नुकसान को 25% तक कम करने में सफलता मिली है और टैरिफ कलेक्शन में हर महीने 10% की वृद्धि देखी जा रही है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में पीएम सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। 2019 के पहले सिर्फ 5 मेगावाट सोलर ऊर्जा का उत्पादन होता था। आज 55 मेगावाट सोलर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। दिसंबर 2025 तक सभी सरकारी बिल्डिंग्स सोलर ऊर्जा से प्रकाशित हो जाएंगी ।
30. 15 लाख से ज्यादा ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाने में हमें सफलता मिली है। इस वर्ष के अंत तक हर घर को टैप वाटर कनेक्शन सुनिश्चित किया जाएगा। पानी के एक-एक बूंद की कीमत हमारी माताओं-बहनों से बेहतर कोई और नहीं समझ सकता इसलिए वाटर सैंपल की टेस्टिंग, टैरिफ कलेक्शन और वाटर सप्लाई स्कीम के आपरेशन तथा मैंटेनेन्स में महिला कर्मी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में पानी की क्वालिटी सुनिश्चित करने के लिए पंचायत पानी समितियाँ बनाई गई है।
31. जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक नागरिक को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी के सहयोग से एम्स जम्मू के अलावा 2 स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, 2 बोन और ज्वाइंट अस्पताल, 500 बिस्तर वाले बाल चिकित्सा अस्पताल श्रीनगर, 7 मेडिकल कॉलेज आपरेशनल कर दिए गए हैं। 26 BSC Nursing College तथा 19 Paramedical College नए बनाए गए हैं। एमबीबीएस की 800 तथा पीजी की 151 अतिरिक्त सीटें जोड़ी गई हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के हर एक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस प्रदान किया जा रहा है।
32. गांवों और दुर्गम इलाकों में 3000 से ज्यादा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए गए हैं। Life Expectancy at Birth- जीवन प्रत्याशा 74.3 वर्ष तक पहुंच गई है जो केरल और दिल्ली के बाद पूरे देश में सबसे अधिक है।
33. जम्मू-कश्मीर को देश का एजुकेशनल हब बनाने के लिए प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है। मंदिरों का शहर जम्मू देश का पहला ऐसा शहर है जहां सभी प्रीमियर एजुकेशन इन्स्टीट्यूशन-आईआईएम, आईआईटी, एम्स, आईआईएमसी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी हैं। कुल 51 नए डिग्री कॉलेज शुरू किए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रिकमन्डेशन को इम्प्लीमेंट करने में जम्मू-कश्मीर ने अग्रणी भूमिका निभाई है। डिजाइन योर डिग्री तथा कॉलेज ऑन व्हील्स जैसी पहल ने जम्मू-कश्मीर को देश में नई पहचान दी है और युवाओं को अनुभव-आधारित शिक्षा के अवसर प्रदान किए हैं। अमृत पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लिए सभी इन्स्टीट्यूशन्स में 21वीं सदी के स्किल्स और इनोवेशन को प्रमोट किया जा रहा है।
34. ‘एजुकेशन टू आल’ के प्राथमिक लक्ष्य के साथ ड्रॉप आउट बच्चों को पुनः स्कूल तक पहुंचाने के लिए केंद्रित तरीके से काम किया जा रहा है। पिछले एक वर्ष में 46,000 बच्चों को पुनः स्कूल पहुंचाया गया है।
35. एजुकेशन सेक्टर में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर गैप को कम करने का भरपूर प्रयास किया गया है। स्टूडेंट्स फीडबैक सिस्टम के अलावा टेक्नोलॉजी ड्रिवन और डेटा-सेन्ट्रीक एजुकेशन सिस्टम के लिए एक नए इनिशियेटिव ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ की शुरुआत की गई है। पीएम श्री योजना के तहत 396 स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है।
36. पिछले चार-पाँच वर्षों के प्रयासों का नतीजा है कि आज टूरिज़्म सेक्टर सफलता के नए शिखर छू रहा है। पिछले वर्ष जी20 टूरिज़्म वर्किंग ग्रुप की सफल मीटिंग के पश्चात विदेशी पर्यटकों की संख्या में ढाई गुना बढ़ोत्तरी हुई है। मिस वर्ल्ड प्री-इवेंट, फॉर्मुला-4 कार रेसिंग, लाल चौक पर फ्री-स्टाइल फुटबाल जैसे आयोजनों ने नए जम्मू-कश्मीर की छवि को पूरे विश्व में स्थापित करने का काम किया है। पिछले वर्ष 2.11 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए थे। इस वर्ष 30 जून तक 1 करोड़ से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर आ चुके हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस वर्ष पर्यटकों की आमद का नया रिकार्ड बनेगा। हमने टूरिज़्म-हॉस्पिटेलिटी को इंडस्ट्री का दर्जा दिया है जिससे नए होटलों की संख्या में वृद्धि हुई है। होम स्टे जैसी योजनाओं से बॉर्डर टूरिज़्म में वृद्धि हुई है और रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हुए हैं।
37. दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम का नेतृत्व स्वयं आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने श्रीनगर में किया था जिससे जम्मू-कश्मीर को ग्लोबल टूरिज़्म एवं वेलनेस मैप पर अपनी जगह बनाने में कामयाबी मिली है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर की संशोधित फिल्म पॉलिसी लॉन्च की गई है। पिछले चार वर्षों में 300 से अधिक फिल्म एवं वेब-सीरीज की शूटिंग हुई है।
38. प्यारे भाइयों और बहनों, पिछले कुछ वर्षों में प्रशासन ने गांवों में भी शहरों जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करने के प्रयास किए हैं। डिजिटल और फिजिकल कनेक्टिविटी, व्यावसायिक संस्थानों के विकास, ग्रामीण उद्यमियों और दस्तकारों के लिए मार्केटिंग नेटवर्क का निर्माण, हर गरीब परिवार को आगे बढ़ने के लिए समान अवसर, सभी योजनाओं के शत-प्रतिशत सैच्योरेशन जैसी पहल के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हर वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करने में प्रशासन काफी हद तक सफल रहा हैं।
39. दो लाख पंद्रह हजार आवासहीन गरीब परिवारों को पक्के घर मुहैया कराए गए हैं। इस वित्त वर्ष में अतिरिक्त एक लाख पंद्रह हजार घर निर्मित करने का लक्ष्य रखा गया है। भूमिहीन एवं आवासहीन परिवारों को सरकारी जमीन उपलब्ध कराने का कानून बनाकर 477 गरीब परिवारों को 5 मरला जमीन उपलब्ध कराई गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना द्वारा उनके लिए पक्के घर निर्मित किए जा रहे हैं।
40. मनरेगा के तहत 6.86 लाख परिवारों की आजीविका सुनिश्चित करने में हमें सफलता मिली है। हाउसिंग तथा रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलाकर 1.24 लाख वर्क्स एवं प्रोजेक्ट्स कंप्लीट किए गए हैं। रुरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने श्री अमरनाथ जी यात्रा को जीरो लैंडफिल, लिटर-फ्री, प्लास्टिक-फ्री और सस्टैनबल बनाकर एक नई उपलब्धि हासिल की है। इस अभियान से जुड़े सभी सफाई कर्मियों और सफाई मित्रों का मैं हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूँ।
41. कश्मीरी पंडित भाइयों-बहनों के पुनर्वास एवं बेहतर भविष्य निर्माण के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 6000 सरकारी नौकरियों में से 5724 पदों पर भर्तियाँ की जा चुकी हैं। ट्रांजिट अकोमोडेशन के निर्माण की गति तीव्र की गई है और इस वर्ष के अंत तक सभी घरों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। कश्मीरी पंडित परिवारों की सुविधा के लिए केंद्र तथा यूटी प्रशासन की सभी योजनाओं के शत-प्रतिशत सैच्योरेशन के लिए एलजी स्पेशल गवर्नेंस कैंप शुरू किया गया है जिसके माध्यम से युवाओं को इंटरप्रेन्योरशिप के भी अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
42. पहले की तुलना में ओबीसी वर्ग के आरक्षण को दुगुना कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर लोकल बॉडीज अधिनियम द्वारा ओबीसी को आरक्षण प्रदान किया है। पहाड़ी, पाडरी, कोली और गड्डा ब्राह्मण अनुसूचित जनजातियों को जहां 10% आरक्षण दिया गया है वहीं यह भी सुनिश्चित किया गया है कि गुज्जर और बकरवाल जैसे मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों को उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़े।
43. अनुसूचित जनजाति की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक मजबूती के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास किए जा रहे हैं। फॉरेस्ट राइट्स के साथ वन उत्पादों पर अनुसूचित जनजातियों को अधिकार सौंपे गए हैं।
44. अर्बन एरियाज के ट्रांसफार्मेशन, क्वालिटी लिविंग और रोजगार सृजन के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। जम्मू एवं श्रीनगर स्मार्ट सिटी में ग्रीन अर्बन मोबिलिटी को प्रमोट किया जा रहा है। छोटे शहरों में मास हाउसिंग कालोनीज विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। रियल एस्टेट सेक्टर के रेगुलेशन एवं प्रमोशन के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की स्थापना की गई है। कई दशकों से कश्मीर घाटी की आँखों में पल रहे खुशहाली के सपने अब हकीकत बन गए हैं। स्मार्ट सिटी की योजनाओं जैसे झेलम रिवरफ्रन्ट, साइकिल ट्रैक, पेडेस्ट्रियन वाकवे, लेजर लाइट्स ने श्रीनगर की तस्वीर बदल दी है। जम्मू के अप्सरा रोड को हाई स्ट्रीट में ट्रांसफार्म किया गया है। पहले जहां लाल चौक पर शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता था वहाँ अब देर रात तक चहल-पहल और रौनक बनी रहती है। इन तस्वीरों से पूरे देश का जन-मानस गौरवान्वित है।
45. पीएम स्वनिधि योजना के तहत 26,000 से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई है। तीन भाषाओं – उर्दू, हिन्दी, इंग्लिश में बायो-बेस्ड प्रॉपर्टी कार्ड वितरित किए जा रहे हैं।
46. हर महीने लगभग 1 करोड़ नागरिकों को अन्न उपलब्ध कराने का इंतजाम किया गया है। प्रशासन ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है कि 2011 से 2016 के बीच में जन्में बच्चों का नामांकन राशन कार्ड में किया जाएगा जिससे 9 लाख बच्चों की फूड सेक्युरिटी सुनिश्चित की जा सकेगी।
47. लगभग 9 लाख लाभार्थियों को पेंशन सुविधा दी जा रही है। प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेंशन लाभार्थियों को सत्यापन के लिए सरकारी दफ्तरों तक नहीं जाना होगा बल्कि कर्मचारी स्वयं उनके दरवाजे पर पहुंचेंगे।
48. जम्मू-कश्मीर के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए एक पेड़ बेटी के नाम, ग्रीन जम्मू-कश्मीर ड्राइव, हर गांव हरियाली, वन से जल, जल से जीवन, एक पेड़ शहीदों के नाम, एक पेड़ माँ के नाम, प्लास्टिक-मुक्त जम्मू कश्मीर, डल-नगीन कंजरवेशन, बानगंगा, झेलम, दूधगंगा, बसंतर और देविका नदियों को प्रदूषण-मुक्त करने तथा उनकी पवित्रता पुनर्स्थापित करने के लिए मिशन मोड में अभियान चलाया जा रहा है।
49. युवाओं के स्पोर्टिंग टैलेंट्स को तराशने के लिए सभी जिलों में मल्टी परपज इंडोर स्पोर्ट्स हाल बनाए गए हैं। 92 स्मॉल खेलो इंडिया सेंटर्स विकसित किए गए हैं। जम्मू तथा श्रीनगर में 2 खेलो इंडिया सेंटर ऑफ एक्सलेन्स स्थापित किए गए हैं। सभी स्टेडियम में फ्लडलाइट, सिंथेटिक टर्फ स्थापित हो चुकी हैं। नई स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत नियुक्तियों का कार्य अंतिम चरण में और इस वर्ष के अंत तक 230 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 2019 के पहले पूरे वर्ष के दौरान 2 से 3 लाख नौजवानों को खेलने के अवसर मिलते थे। पिछले वर्ष 80 लाख बच्चों एवं नौजवानों को स्पोर्ट्स की विभिन्न डिसिप्लिन में खेलने का अवसर प्रदान करके एक नया रिकार्ड कायम किया गया है। पिछले वित्त वर्ष में 15 नेशनल लेवल गेम्स आयोजित किए गए थे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैं विशेष रूप से राकेश, सरिता, अमीर अहमद भट, रुद्राक्ष खन्ना, भानु प्रताप सिंह, अभिषेक जामवाल जैसे खिलाड़ियों का अभिनंदन करना चाहता हूँ जिन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन द्वारा देश का नाम रोशन किया है।
50. किसी भी क्षेत्र के इतिहास में कभी-कभी ऐसे क्षण आते हैं जब सामूहिक शक्ति और संकल्प के द्वारा गौरवशाली भविष्य की नींव का निर्माण होता है। आज जम्मू-कश्मीर नए आत्म-विश्वास के साथ सफलता एवं संपन्नता के खुले आसमान में उड़ान भरने को पूरी तरह तत्पर है। हर एक नागरिक का यह परम कर्तव्य है कि वह एक मजबूत और समृद्ध जम्मू-कश्मीर के सपने को साकार करने के लिए इस अभूतपूर्व कालखंड को व्यर्थ न जाने दे।
51. आइए, स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर नई ऊर्जा, नए संकल्प के साथ प्रण लें कि राष्ट्र के नीति निर्माताओं के आदर्शों एवं मूल्यों पर चलते हुए एक ऐसे परिश्रमी जम्मू-कश्मीर का हम निर्माण करेंगे जो विकसित भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दे सके। आइए, आज यह प्रतिज्ञा लें कि हम मिलकर जम्मू-कश्मीर को उपलब्धियों का पर्याय बनाएंगे ताकि यह संघ राज्य क्षेत्र शिक्षा से लेकर उद्यमिता के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर सके। आइए हम मिलकर संकल्प लें कि पिछले पाँच वर्षों में जिस भव्य और दिव्य जम्मू-कश्मीर की नींव रखी गई है, उसके पिलर्स पर वैभव-सम्पन्न जम्मू-कश्मीर का भवन निर्मित करेंगे।
सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
सूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।
है कौन विघ्न ऐसा जग में,
टिक सके आदमी के मग में?
खम ठोक ठेलता है जब नर,
पर्वत के जाते पाँव उखड़,
मानव जब जोर लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है,
पीसा जाता जब इक्षुदंड,
झरती रस की धारा अखंड,
मेहंदी जब सहती है प्रहार,
बनती ललनाओं का श्रृंगार,
वसुधा का नेता कौन हुआ?
भूखंड विजेता कौन हुआ,
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ?
नव धर्म प्रणेता कौन हुआ ?
जिसने न कभी आराम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया,
विघ्नों में रहकर नाम किया।
इसी भावना के साथ नव, भव्य, दिव्य जम्मू-कश्मीर का संकल्प लेकर आगे बढ़ें। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए –
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
भारत माता की जय!
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
जय हिन्द!